वॉटरशेड परियोजनाओं का प्राथमिकता पर होगा क्रियान्वयन : मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल

भोपाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा है कि राज्य में वाटरशेड परियोजनाओं को प्राथमिकता…

Feb 1, 2025 - 22:15
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वॉटरशेड परियोजनाओं का प्राथमिकता पर होगा क्रियान्वयन : मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल

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भोपाल
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा है कि राज्य में वाटरशेड परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने इस योजना के तहत मध्यप्रदेश को 8 नई परियोजनाओं की स्वीकृति देने पर केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का आभार भी जताया।

केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने श्री पटेल को पत्र लिखकर डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 2.0 के क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश की तारीफ़ करते हुए राज्य में संचालित समस्त वॉटरशेड परियोजनाओं को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया था। अपने पत्र में उन्होंने इन परियोजनाओं से किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलने के साथ-साथ भूमि क्षरण की समस्या का समाधान होने की बात लिखी थी। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने इसके जरिए जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद मिलने की संभावना भी जताई थी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने पत्र के माध्यम से केंद्रीय मंत्री श्री चौहान को आश्वस्त किया कि राज्य में वॉटरशेड परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वित किया जाएगा।

मध्यप्रदेश को 8 अतिरिक्त वॉटरशेड परियोजनाओं की स्वीकृति
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 2.0) के तहत मध्यप्रदेश को जल संसाधन प्रबंधन और कृषि सुधार के लिए 8 अतिरिक्त वॉटरशेड परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन परियोजनाओं से प्रदेश में 39,632 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र सिंचित होगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि और जल संसाधनों के कुशल प्रबंधन में सहायता मिलेगी।

डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 2.0 के तहत, वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक देशभर में वॉटरशेड विकास घटक को लागू किया जा रहा है। अब तक भूमि संसाधन विभाग ने 1150 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है, जिससे 50.16 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को लाभ मिल रहा है। मध्यप्रदेश को पूर्व में 85 परियोजनाओं के लिए 1121.27 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे, जिसमें 5.10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र शामिल था। मध्यप्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से इन परियोजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा, जिससे राज्य के किसानों को सतत सिंचाई सुविधाएं और आजीविका के नए अवसर मिल सकेंगे।

 

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