ग्रैंड इंगा डैम का निर्माण अधर में लटका, चीन ने पीछे खींचे कदम

बीजिंग चीन की सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी थ्री गॉर्जेस कॉर्पोरेशन ने डैमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DR कांगो) में ग्रैंड इंगा…

Jan 31, 2025 - 11:57
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ग्रैंड इंगा डैम का निर्माण अधर में लटका, चीन ने पीछे खींचे कदम

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बीजिंग

चीन की सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी थ्री गॉर्जेस कॉर्पोरेशन ने डैमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DR कांगो) में ग्रैंड इंगा डैम निर्माण परियोजना से खुद को अलग कर लिया है। यह परियोजना दुनिया का सबसे बड़ा जलविद्युत संयंत्र बनने का दावा करती है, जो अफ्रीका के ऊर्जा संकट को हल करने में मदद कर सकती है। चीन का यह कदम परियोजना की प्रगति को एक बड़ा झटका दे सकता है।

ग्रैंड इंगा डैम का निर्माण कांगो नदी पर प्रस्तावित है और इसे विश्व के सबसे बड़े जलविद्युत संयंत्र के रूप में विकसित किया जा रहा था। इस परियोजना से अनुमानित 40,000 मेगावॉट बिजली उत्पादन की क्षमता की उम्मीद थी, जो कि पूरे अफ्रीका को ऊर्जा आपूर्ति कर सकती है। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में इस परियोजना में लगातार देरी हो रही है और निर्माण कार्य कभी शुरू नहीं हुआ।
चीन ने क्यों खींचे कदम?

थ्री गॉर्जेस कॉर्पोरेशन ने अपनी भागीदारी से पीछे हटने का फैसला किया। हालांकि इस फैसले के पीछे के कारणों को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि परियोजना की लागत, सरकारी शासकीय अस्थिरता और पर्यावरण को लेकर हो रही चिंताएं इस निर्णय के मुख्य कारण हो सकते हैं। साथ ही चीन की अन्य परियोजनाओं और निवेशों के लिए प्राथमिकता बदलने का भी प्रभाव हो सकता है।
परियोजना पर प्रभाव

चीन की कंपनी का इस परियोजना से बाहर निकलना एक बड़े संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि परियोजना का भविष्य अब और भी अनिश्चित हो सकता है। कांगो सरकार और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के बीच यह परियोजना एक प्रमुख विवाद का कारण बन सकती है, खासकर जब परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 80 बिलियन डॉलर है। DR कांगो में पहले ही सरकार की अस्थिरता और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे निर्माण कार्य को और भी मुश्किल हो सकता है।
अफ्रीका के ऊर्जा संकट का समाधान?

इस परियोजना का महत्व अफ्रीका के ऊर्जा संकट को देखते हुए बेहद अधिक था। अफ्रीका में लाखों लोग बिना बिजली के जीवन बिता रहे हैं और ग्रैंड इंगा डैम जैसी परियोजनाओं से ही अफ्रीका की बिजली जरूरतों को पूरा किया जा सकता था। हालांकि, परियोजना की भविष्यवाणी के बावजूद चीन का इस परियोजना से हाथ खींचना अफ्रीका के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।

अब सवाल यह उठता है कि क्या कांगो सरकार और अन्य अंतर्राष्ट्रीय साझेदार इस परियोजना को फिर से शुरू कर पाएंगे। हालांकि कांगो सरकार ने दावा किया है कि परियोजना पर काम जारी है, लेकिन थ्री गॉर्जेस कॉर्पोरेशन का इस परियोजना से बाहर निकलना इस बड़े सपने को साकार करने में और भी कठिनाई पैदा कर सकता है।

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